मैंने क्या खोया क्या पाया -2

रात के ३ बज रहे हैं , आँखों से नीद गायब है मन में अजीब सी उथल-पुथल मची है, दिल कभी ये कहता है कभी वो कहता है, दिल भी साला कैन्फुस है, ना जाने वो क्या चाहता है ! बहरहाल कुछ सोचने बैठा तो यही सोचने लगा की आखिर मै इतनी रात को सोच क्या रहा हूँ, मन में सैकड़ो सवालो ने एक साथ मुझे झकझोरना शुरु कर दिया है ! मै किसी भी प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ हूँ ! मै अजीब भवर में फसता जा रहा हूँ, तभी अचानक ख्याल आया क्यों ना चाय बनाई जाये और सोया जाये, कल दफ्तर भी तो जाना है! चाय पीने के बाद ना जाने कब मै अपने बीते हुए कल में चला गया जब मै कॉलेज में था !
दिल में न जाने कितने ख्वाब थे, और उन सपनो को पूरा करने का जोश भी था, किसी तरह से भी उन सपनो को पूरा करना था, अपनी भी एक गाड़ी हो घर हो, और अपने को भी कोई अपना कहना वाला हो, बैंक बैलेस हो ! दिन रात मेहनत( जादा तेज तो नहीं था फिर भी ओके ओके टाइप था मै पढने में ) करके के पढाई करना, सुबह उठना फिर 15KM सइकल चला कर कॉलेज जाना फिर साम को टुसन पढाना( जो की मेरा जेब खर्च होता था, मूवी देखना घूमना सब उसी के पैसे से होता था)
आज जब अपने वर्तमान को देखता हूँ तो सोचता हूँ क्या मेरे सारे सपने पूरे हो गये है, क्या मै अभी भी उतनी मेहनत करता हूँ जितनी पहले करता था या सायद पहले से भी जादा अलसी हो गया हूँ, कही मै काम चोर तो नहीं बन गया हूँ, वो सब पा कर जो मै बन्ना चाहता था या अपनी लाइफ में चाहता था !
लकिन मै कोई उत्तर देने में असमर्थ हूँ, सायद ये अन्दर का डर है या कुछ और??

2 comments:

  1. 'और अपने को भी कोई अपना कहना वाला हो'.......abe guy to nahi ho gaye tum???

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