यादों के झरोखों से

"कुज यादो के पन्नो से "
आज भी मुझे याद है वो सुबह का उठना और घर से सुबह को कालेज जाना| और कालेज से वापस आकार क्रिकेट खेलना और थक कर जल्दी ही सो जाना और फिर मम्मी की डांट सुनना, लकिन मम्मी की उन ड|टो में भी प्यार था |
फिर रात में उढकर पढना और चाय बना कर पीना और गाने सुनना क्या दिन थे वो |
आज जब वो सब याद आता है तो बहुत ही अजीब सा लगता है, की हम भी क्या ऐसे थे,
वो मम्मी का डांटना और उठने के लिए मम्मी का मुह पे पानी डालना|
वो भी क्या दिन थे.
पाकेट मनी से पैसो को बचाना और मम्मी को ना बता कर मूवी देखना फिर घर आ कर कहना, की आज तो एक्स्ट्रा क्लास थी|
दादा जी कहना की पढ़ लो नही तो बाद में " पझताना पड़ेगा " सायद वो सही ही कहा करते थे|
उनका भी एक सपना था उन सपनो में मै था, की मै भी अपने पैरो पे खड़ा हो, उनके कहने पर मैंने मैंने भी छोटे बच्चो को पढ़ना सुरु किया, उन बच्चो पे भी मै वही कहता जो मेरे दादा जी कहते "पढ़ लो बेटा नही तो पझताना पड़ेगा "
"आज वो होते तो सायद सबसे जादा वो ही खुस होते "

8 comments:

  1. wah wah.. truly said.. beautifully written

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  2. "बचपन हर गम से बेगाना होता है" इसलिए अक्सर बचपन ऐसा ही होता है - अचछा लगा - शुभकामनाएं

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  3. लेखन अपने आप में ऐतिहासिक रचनात्मक कायर् है। आशा है कि आप इसे लगातार आगे बढाने को समपिर्त रहें। शानदार पेशकश।

    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक)एवं
    राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    0141-2222225 (सायं 7 सम 8 बजे)
    098285-02666

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  4. hmmmmm...... mujhe bhi yaad aa gaya bachpan.... :)

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  5. @ राकेश जी, सुक्रिया, @पुरुसोत्तम सर सुक्रिया हौसला बढ़ने के लिए, @पंख बचपन ऐसा ही होता है

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  6. श्री शरदसिंगजी, नमस्कार...
    हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । धन्यवाद सहित...
    http://najariya.blogspot.com/

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  7. इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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